The Making of a Scientist in Hindi Explanation, This page has the line by line explanation of the ncert class 10th English Footprints Without feet chapter six The Making of a Scientist in Hindi. The Making of a Scientist in Hindi Explanation
6. The Making of a Scientist (एक वैज्ञानिक का निर्माण)
At the age of twenty–two, a former ‘scout of the year’ excited the scientific world with a new theory on how cells work. Richard H. Ebright and his college room–mate explained the theory in an article in the Proceedings of the National Academy of Science.
बाईस वर्ष की आयु में उसने जो पूर्व ‘वर्ष का स्काउट’ रह चुका था, अपनी कोशिकाओं के काम करने के नये सिद्धान्त से वैज्ञानिक संसार को उत्तेजित कर दिया। रिचर्ड एच. एबराइट और उसके विद्यालय के कक्षा सहपाठी ने प्रोसिडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में एक लेख में इस सिद्धान्त का वर्णन किया।
It was the first time this important scientific journal had ever published the work of college students. In sports, that would be like making the big leagues at the age of fifteen and hitting a home run your first time at bat.* For Richard Ebright, it was the first in a long string of achievements in science and other fields. And it all started with butterflies.
यह पहली बार था कि इस महत्वपूर्ण विज्ञान जरनल में विद्यालय के छात्रों का काम छपा था। खेलों में इसका अर्थ था मानों 15 वर्ष की आयु में बड़ी लीग में जगह बना ली हो या पहली बार बल्ला पकड़ते ही होम रन बना लिया हो। रिचर्ड एबराइट के लिये यह विज्ञान व दूसरे क्षेत्रों में उपलब्धियों की लड़ी में पहला कदम था और यह सब कुछ तितलियों से आरम्भ हुआ था।
An only child, Ebright grew up north of Reading, Pennsylvania. “There wasn’t much I
A home run in the game of baseball is when the batter scores a run after running safely around all bases and back to the home plate without stopping. A ball hit out of the playing fields is also called a home run. Getting a paper published at the age of fifteen in a scientific journal is here compared to scoring a home run while batting for the first time.
बेसबॉल के खेल में होम रन उसे कहते हैं जब बल्लेबाज सारे बेसों पर सुरक्षित रूप से दौड़कर वापस अपने गृह स्थान पर बिना रूके आकर रन बनाता है। जब एक बॉल खेल के मैदान से बाहर मारी जाती है तो उसे भी होमरन कहते हैं। एक वैज्ञानिक पत्रिका में 15 वर्ष की आयु में लेख छपने की तुलना यहाँ पहली बार बैटिंग करने पर होमरन बनाने से की गई है।
could do there,” he said. “I certainly couldn’t play football or baseball with a team of one. But there was one thing I could do–collect things.”
एबराइट जो इकलौता बच्चा था रीडिंग के उत्तर में पैनसिलवेनिया में बड़ा हुआ । “वह वहाँ ज्यादा कुछ नहीं कर सकता था, ” उसने बताया । ” मैं निश्चित रूप से एक सदस्य की टीम के साथ फुटबॉल या बेसबॉल नहीं खेल सकता था। लेकिन एक काम था जो मैं कर सकता था चीजे इकट्ठी करना।”
So he did, and did he ever! Beginning in kindergarten, Ebright collected butterflies with the same determination that has marked all his activities. He also collected rocks, fossils, and coins. He became an eager astronomer, too, sometimes star-gazing all night.
तो उसने ऐसा ही किया और हमेशा करता रहा। नर्सरी से शुरू करके एबराइट ने उसी दृढ़ निश्चय से तितलियाँ इकट्ठी की जो (दृढ़निश्चय) उसके सभी क्रिया–कलापों में दिखाई देता है। उसने चट्टानों के रूप में जमी अस्थियाँ और सिक्के एकत्रित किये। वह एक उत्सुक खगोलविद् भी बन गया, कभी-कभी पूरी रात तारों को देखते बिताता।
From the first he had a driving curiosity along with a bright mind. He also had a mother who encouraged his interest in learning. She took him on trips, brought him telescopes, microscopes, cameras, mounting materials, and other equipment and helped him in many other ways.
शुरू से उसमें एक प्रेरित करने वाली उत्सुकता और तीक्ष्ण मस्तिष्क था। उसकी माँ भी सीखने में उसकी रुचि को बढ़ावा देने वाली थी। वह उसे यात्राओं पर लेकर आती, उसके लिये दूरदर्शी, सूक्ष्मदर्शी, कैमरा, पर्वतारोहण का सामान व दूसरे सामान खरीद कर देती तथा और भी कई तरह से उसकी मदद करती ।
“I was his only companion until he started school,” his mother said. “After that I would bring home friends for him. But at night we just did things together. Richie was my whole life after his father died when Richie was in third grade.”
“जब तक उसने स्कूल जाना शुरू किया तब तक मैं ही उसकी एकमात्र साथी थी,” उसकी माँ ने बताया । “उसके बाद मैं उसके लिये उसके दोस्तों को घर लाने लगी। लेकिन रात को हम साथ–साथ कुछ–न–कुछ करते । रिची जब तीसरी कक्षा में था तब उसके पिता का देहान्त हो जाने पर वही मेरी जिन्दगी थी ।”
She and her son spent almost every evening at the dining room table. “If he didn’t have things to do, I found work for him – not physical work, but learning things, ” his mother said. “He liked it. He wanted to learn.”
उसने और उसके बेटे ने लगभग हर शाम भोजन कक्ष की मेज़ पर बितायी। “यदि उसके पास करने को कुछ नहीं होता, तो मैं उसके लिये काम ढूँढ़ती शारीरिक काम नहीं, बल्कि कुछ सीखने वाला काम,” उसकी माँ बताती है । “उसे यह अच्छा लगता था। वह सीखना चाहता था।”
And learn he did. He earned top grades in school. “On everyday things he was just like every other kid,” his mother said.
और उसने सीखा भी। उसने स्कूल में उच्चतम स्थान प्राप्त किये। “दैनिक चीजों में वह किसी दूसरे बच्चे के समान ही था,” उसकी माँ ने बताया ।
By the time he was in second grade, Ebright had collected all twenty–five species of butterflies found around his hometown.
दूसरे ग्रेड में आते–आते एबराइट ने उसके गृह नगर में पायी जाने वाली तितलियों की सभी पच्चीस प्रजातियों को एकत्र कर लिया था।
“That probably would have been the end of my butterfly collecting,” he said. “But then my mother got me a children’s book called The Travels of Monarch X.” That book, which told how monarch butterflies migrate to Central America, opened the world of science to the eager young collector.
“वह शायद मेरा तितलियाँ एकत्रित करने का अन्त होता”, उसने बताया । “लेकिन तभी मेरी माँ मोनार्क की यात्राएँ” नामक बच्चों की पुस्तक ले आयीं। उस किताब ने, जिसमें बताया गया था कि किस प्रकार मोनार्क तितलियाँ मध्य अमेरिका तक यात्रा करती हैं, उस उत्सुक युवा एकत्र करने वाले के सामने विज्ञान की नयी दुनिया खोल कर रख दी।
At the end of the book, readers were invited to help study butterfly migrations. They were asked to tag butterflies for research by Dr. Frederick A. Urquhart of the University of Toronto, Canada. Ebright’s mother wrote to Dr. Urquhart, and soon Ebright was attaching light adhesive tags to the wings of monarchs. Anyone who found a tagged butterfly was asked to send the tag to Dr. Urquhart.
किताब के अन्त में तितलियों के प्रवासन के अध्ययन में मदद करने के लिये पाठकों को आमन्त्रित किया गया था। उनसे कहा गया था कि वे कनाडा की टोरन्टो यूनिवर्सिटी के डॉ. फ्रेडरिक ए अर्कहार्ट की शोध के लिये तितलियाँ वर्गीकृत करें और टैग बाँधें । एबराइट की माँ ने डॉक्टर अर्कहार्ट को पत्र लिखा और शीघ्र ही एबराहट मोनार्क तितलियों के पंखों पर हल्का चिपकने वाला टैग बाँधने लगे। जिस किसी को भी टैग लगी तितली मिलती उससे डॉ. अर्कहार्ट को वह टैग भेजने को कहा जाता।
The butterfly collecting season around Reading lasts six weeks in late summer. (See graph below.) If you’re going to chase them one by one, you won’t catch very many. So the next step for Ebright was to raise a flock of butterflies. He would catch a female monarch, take her eggs, and raise them in his basement through their life cycle, from egg to caterpillar to pupa to adult butterfly. Then he would tag the butterflies’ wings and let them go. For several years his basement was home to thousands of monarchs in different stages of development.
रीडिंग में तितलियाँ एकत्र करने का मौसम गर्मियों के अन्त में छः हफ्तों तक रहता है। (नीचे ग्राफ देखें) यदि तुम एक–एक कर उनका पीछा करो तो तुम बहुत ज्यादा नहीं पकड़ पाओगे। तो एबराइट का अगला कदम तितलियों को समूह जुटाना था। वह मादा तितली पकड़ता, उसके अंडे लेता और फिर अपने मकान की भूमि के नीचे के हिस्से में उन्हें बड़ा करता, उनके जीवन चक्र से होकर अंडे से इल्ली, इल्ली से प्यूपा और फिर वयस्क तितली । उसके बाद वह तितली के पंखों पर टैग बाँधता और उन्हें जाने देता। कई सालों तक उसका बेसमेन्ट (घर का निचला हिस्सा) विकास की अलग–अलग स्थितियों में हजारों तितलियों का घर बना रहा।
“Eventually I began to lose interest in tagging butterflies. It’s tedious and there’s not much feedback,” Ebright said. “In all the time I did it,” he laughed, “only two butterflies I had tagged were recaptured-and they were not more than seventy-five miles from where I lived.”
“अन्ततः तितलियों पर टैग लगाने में मेरी रुचि कम होने लगी। यह बड़ा थका देने वाला काम था और उसका ज्यादा परिणाम भी नहीं मिल पाता, “एवराइट ने बताया । “पूरे समय मैंने जो भी किया,” वह हँसे “उसमें से मेरे द्वारा टैग लगाई केवल दो तितलियाँ ही दोबारा पकड़ी जा सकीं और वे भी मेरे घर से पचहत्तर मील से अधिक दूरी पर नहीं पकड़ी गयी थीं। “
Then in the seventh grade he got a hint of what real science is when he entered a county science fair – and lost. “It was really a sad feeling to sit there and not get anything while everybody else had won something,” Ebright said. His entry was slides of frog tissues, which he showed under a microscope. He realised the winners had tried to do real experiments, not simply make a neat display.
सातवें ग्रेड में जब उसने एक स्थानीय विज्ञान मेले में भाग लिया व हार गया तब उसे कुछ संकेत मिले कि वास्तविक विज्ञान क्या होता है ? “वास्तव में यह बहुत दुःख की बात थी, कि वहाँ बैठे रहो और कुछ न जीत सको जबकि प्रत्येक अन्य कुछ–न–कुछ जीत रहा था,” एवराइट ने कहा। उसकी ओर से मेंढक के ऊतकों की स्लाइड की प्रविष्टि गई थी जो उसने सूक्ष्मदर्शी के नीचे दर्शायी थीं। उसने समझ लिया कि विजेताओं ने केवल सफाई से कोई चीज़ दिखाने के बजाय वास्तविक प्रयोग करने का प्रयास किया था।
Already the competitive spirit that drives Richard Ebright was appearing. “I knew that for the next year’s fair I would have to do a real experiment,” he said. “The subject I knew most about was the insect work I’d been doing in the past several years.”
रिचर्ड एबराइट को प्रेरित करने वाली प्रतियोगी भावना पहले ही दिखाई देनी शुरू हो गयी थी । “मैं जानता था कि अगले साल लगने वाले मेले के लिये मुझे वास्तविक प्रयोग करना होगा,” उसने कहा । “विषय के तौर पर मैं सबसे अधिक कीड़ों के ऊपर काम ही जानता था जो मैं पिछले सालों से कर रहा था ।”
So he wrote to Dr. Urquhart for ideas, and back came a stack of suggestions for experiments. Those kept Ebright busy all through high school and led to prize projects in country and international science fairs.
इसलिए उसने कुछ विचार जानने के लिए डॉ. अर्कहार्ट को पत्र लिखा और जवाब में प्रयोगों के लिए सुझावों के ढेर लग गये। पूरे हाईस्कूल के दौरान एबराइट उसी में व्यस्त रहा और परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान मेलों में पुरस्कारों की झड़ी लग गयी।
For his eighth grade project, Ebright tried to find the cause of a viral disease that kills nearly all monarch caterpillars every few years. Ebright thought the disease might be carried by a beetle. He tried raising caterpillars in the presence of beetles. “I didn’t get any real results,” he said. “But I went ahead and showed that I had tried the experiment. This time I won.”
अपने आठवीं ग्रेंड के प्रोजेक्ट के लिये एबराइट ने एक वायरल रोग के कारण ढूँढ़ने का प्रयास किया जो प्रति वर्ष लगभग सभी मोनार्क झल्लियों को मार देता था । एबराइट का सोचना था कि वह बीमारी कोई गोबरैला फैलाता है। उसने गोबरैला की उपस्थिति में इल्लियों के विकास का प्रयास किया । “मुझे वास्तविक परिणाम नहीं मिल सकें,” उसने कहा । “लेकिन मैं आगे बढ़ा और मैंने दर्शाया कि मैंने यह प्रयोग किया है। इस बार मैं जीत गया ।”
The next year his science fair project was testing the theory that viceroy butterflies copy monarchs. The theory was that viceroys look like monarchs because monarchs don’t taste good to birds. Viceroys, on the other hand, do taste good to birds. So the more they look like monarchs, the less likely they are to become a bird’s dinner.
अगले साल उसके विज्ञान मेले के प्रोजेक्ट का विषय था कि वायसराय तितलियाँ मोनार्क की नकल करती हैं। सिद्धान्त यह था कि वायसराय मोनार्क की तरह दिखती हैं क्योंकि मोनार्क का स्वाद पक्षियों को अच्छा नहीं लगता। जबकि दूसरी ओर, वायसराय का स्वाद अच्छा होता है। इसलिए, वे जितनी ज़्यादा मोनार्क की तरह दिखेंगी, उतनी ही ज़्यादा वे पक्षियों का भोजन कम बनेंगी।
Ebright’s project was to see whether, in fact, birds would eat monarchs. He found that a starling would not eat ordinary bird food. It would eat all the monarchs it could get. (Ebright said later research by other people showed that viceroys probably do copy the monarch.) This project was placed first in the zoology division and third overall in the county science fair.
एबराइट का प्रोजेक्ट यह देखना था कि क्या वाकई पक्षी मोनार्क को खाते हैं। उसने पाया कि मैना पक्षियों का साधारण भोजन नहीं करती। यह सारी मोनार्क खा जाती है, जो भी इसे मिलती हैं। (एबराइट ने बताया कि बाद में दूसरे लोगों की खोज से यह दर्शाया गया कि शायद वायसराय मोनार्क की नकल करती है) यह प्रोजेक्ट जीव विज्ञान विभाग में पहले नम्बर पर तथा पूरे राष्ट्रीय विज्ञान मेले में तीसरे स्थान पर आया।
In his second year in high school, Richard Ebright began the research that led to his discovery of an unknown insect hormone. Indirectly, it also led to his new theory on the life of cells.
हाईस्कूल के दूसरे वर्ष में रिचर्ड एबराइट ने खोज शुरू की जो कि कीड़ों की अनजान हार्मोन की खोज में परिवर्तित हो गयी। अप्रत्यक्ष रूप से इसने कोशिकाओं के जीवन के नये सिद्धान्त को जन्म दिया।
The question he tried to answer was simple: What is the purpose of the twelve tiny gold spots on a monarch pupa?
उसने जिस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास किया वह साधारण था। मोनार्क के प्यूपा पर बारह छोटे-छोटे सुनहरे धब्बों का क्या अभिप्राय है ?
“Everyone assumed the spots were just ornamental,” Ebright said. “But Dr. Urquhart didn’t believe it.”
“प्रत्येक व्यक्ति की यही अवधारणा थी कि वे धब्बे केवल सजावटी होते हैं।” एबराइट ने कहा । “लेकिन डॉ. अर्कहार्ट ने इस पर विश्वास नहीं किया ।”
To find the answer, Ebright and another excellent science student first had to build a device that showed that the spots were producing a hormone necessary for the butterfly’s full development.
उत्तर पाने के लिये एबराइट और अन्य श्रेष्ठ विज्ञान छात्रों को पहले एक यंत्र का निर्माण करना पड़ा जो दिखाता था कि ये धब्बे एक हार्मोन उत्सर्जित कर रहे थे जो कि तितली के पूर्ण विकास के लिये जरूरी है।
This project won Ebright first place in the county fair and entry into the International Science and Engineering Fair. There he won third place for zoology. He also got a chance to work during the summer at the entomology laboratory of the Walter Reed Army Institute of Research.
उस परियोजना से एवराइट को काउंटी मेले में प्रथम स्थान तथा अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान व इंजीनियरिंग मेले में प्रविष्टि मिल गयी। यहाँ उसे जीव विज्ञान के लिये तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। उसे गर्मियों के दौरान वॉल्टर रीड आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च की कृमि अध्ययन की प्रयोगशाला में काम करने का अवसर भी मिला।
As a high school junior, Richard Ebright continued his advanced experiments on the monarch pupa. That year his project won first place at the International Science Fair and gave him another chance to work in the army laboratory during the summer.
हाई स्कूल कनिष्ठ के रूप में, रिसर्च एबराइट ने मोनार्क प्यूपा पर अपने उन्नत प्रयोग जारी रखे। उस वर्ष उसके परियोजना को अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान मेले में प्रथम स्थान तथा गर्मियों में सैनिक प्रयोगशाला में काम करने का एक और अवसर मिला।
In his senior year, he went a step further. He grew cells from a monarch’s wing in a culture and showed that the cells would divide and develop into normal butterfly wing scales only if they were fed the hormone from the gold spots. That project won first place for zoology at the International Fair. He spent the summer after graduation doing further work at the army laboratory and at the laboratory of the U.S. Department of Agriculture.
अपने अगले वर्ष में, वह एक कदम और आगे बढ़ा। उसने मोनार्क के पंखों से एक मिश्रण में कोशिकायें विकसित की और दिखाया कि वे कोशिकायें एक सामान्य तितली के पंखों के रूप में तभी बँटेगी व विकसित होंगी जब सुनहरे धब्बों से निकल हारमोन उनका भोजन बनेगा। इस परियोजना को जीवविज्ञान के अन्तर्राष्ट्रीय मेले में प्रथम स्थान मिला। उसने स्नातक के बाद अपनी गर्मियाँ एक सेना प्रयोगशाला व कृषि प्रयोगशाला के यू. एस. विभाग में आगे काम करते हुये बितायीं।
The following summer, after his freshman year at Harvard University, Ebright went backto the laboratory of the Department of Agriculture and did more work on the hormone from the gold spots. Using the laboratory’s sophisticated instruments, he was able to identify the hormone’s chemical structure.
अगली गर्मियों में, हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अपने प्रथम साल के बाद, एबराइट वापस कृषि प्रयोगशाला विभाग में गये और सुनहरे धब्बों से निकले हारमोन पर और काम किया। प्रयोगशाला के आधुनिक उपकरणों का प्रयोग करके, वह उस हारमोन की रासायनिक बनावट पता लगाने में सफल हुए।
A year-and-a-half later, during his junior year, Ebright got the idea for his new theory about cell life. It came while he was looking at X–ray photos of the chemical structure of a hormone.
डेढ़ साल बाद, अपने कनिष्ठ साल के दौरान, एबराइट को कोशिका जीवन के बारे में अपने नए सिद्धान्त का विचार आया । यह विचार तब आया जब वह हारमोन की रासायनिक बनावट के एक्स–रे फोटो देख रहे थे।
When he saw those photos, Ebright didn’t shout, ‘Eureka!’ or even, I’ve got it!’ But he believed that, along with his findings about insect hormones, the photos gave him the answer to one of biology’s puzzles: how the cell can ‘read’ the blueprint of its DNA. DNA is the substance in the nucleus of a cell that controls heredity. It determines the form and function of the cell. Thus DNA is the blueprint for life
जब उन्होंने उन तस्वीरों को देखा, एबराइट न तो “वाह!” चिल्लाये और न ही कहा कि “मैंने पता लगा लिया ! ” लेकिन उनका विश्वास था कि कृमि हारमोन के बारे में उपलब्धियों के अलावा उन तस्वीरों से उन्हें जीवविज्ञान की एक पहेली का उत्तर मिल गया है : कोशिकायें अपने डी. एन. ए. के नक्शे को कैसे पढ़ लेती हैं। डी.एन.ए. कोशिका के नाभिक का वह पदार्थ होता है जो आनुवांशिकता को नियन्त्रित करता है । यह कोशिका के आकार व कार्यों को सुनिश्चित करता है । इस प्रकार डी. एन. ए. जीवन का नक्शा होता है।
Ebright and his college room-mate, James R. Wong, worked all that night drawing pictures and constructing plastic models of molecules to show how it could happen. Together they later wrote the paper that explained the theory.
एबराइट और उसका कक्ष सहपाठी जेम्स आर वोंग पूरी रात अणुओं के प्लास्टिक मॉडल और चित्र बनाते रहे यह दर्शाने के लिये कि यह कैसे हो सकता है। बाद में उन्होंने साथ–साथ वह सिद्धान्त प्रतिपादित करने के लिये लेख लिखा।
Surprising no one who knew him, Richard Ebright graduated from Harvard with highest honours, second in his class of 1,510. Ebright went on to become a graduate student researcher at Harvard Medical School. There he began doing experiments to test his theory.
जो उसे जानते थे किसी को आश्चर्य नहीं हुआ कि रिचर्ड एबराइट ने सर्वाधिक अंकों के साथ विश्वविद्यालय से स्नातक किया व 1,510 विद्यार्थियों की कक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त किया। आगे एबराइट हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में स्नातक विद्यार्थी शोधकर्ता बना । तब उसने अपने सिद्धान्त का परीक्षण करने के लिये प्रयोग करने शुरू किये।
If the theory proves correct, it will be a big step towards understanding the processes of life. It might also lead to new ideas for preventing some types of cancer and other diseases. All of this is possible because of Ebright’s scientific curiosity. His high school research into the purpose of the spots on a monarch pupa eventually led him to his theory about cell life.
यदि यह सिद्धान्त सही साबित हुआ तो वह जीवन की प्रक्रिया समझने की ओर एक बड़ा कदम होगा। सम्भव है कि यह कुछ प्रकार के कैंसर व दूसरी बीमारियों को रोकने के लिये नये विचारों को जन्म दे । यह सब एबराइट की वैज्ञानिक जिज्ञासा के कारण सम्भव है। उनकी मोनार्क के प्यूपा के धब्बों का कारण जानने को आरम्भ हुई हाईस्कूल की शोध अन्तत: कोशिकाओं के जीवन सिद्धान्त को जानने वाली साबित हुई।
Richard Ebright has been interested in science since he first began collecting butterflies – but not so deeply that he hasn’t time for other interests. Ebright also became a champion debater and public speaker and a good canoeist and all-around outdoors-person. He is also an expert photographer, particularly of nature and scientific exhibits.
रिचर्ड एबराइट विज्ञान में तभी से रुचि रखते थे जबसे उन्होंने तितलियाँ एकत्र करनी शुरू कीं लेकिन इतनी गहरी रुचि भी नहीं थी कि उन्हें दूसरी रुचियों के लिये समय न मिलता। एबराइट एक वादविवाद विजेता व अच्छे वक्ता बने व एक अच्छे छोटी नाव चलाने वाले व हरफन मौला बाहरी व्यक्तित्व के व्यक्ति रहे । वह एक निपुण फोटोग्राफर हैं, विशेष रूप से प्राकृतिक व वैज्ञानिक दृश्यों के ।
In high school Richard Ebright was a straight–A student. Because learning was easy, he turned a lot of his energy towards the Debating and Model United Nations clubs. He also found someone to admire – Richard A. Weiherer, his social studies teacher and adviser to both clubs. “Mr. Weiherer was the perfect person for me then. He opened my mind to new ideas,” Ebright said.
हाईस्कूल में रिचर्ड एबराइट ए श्रेणी के विद्यार्थी थे। क्योंकि सीखना उनके लिये आसान था इसलिये उन्होंने अपनी ऊर्जा वाद–विवाद व आदर्श यूनाइटेड नेशन्स क्लब में लगा दी। वह अपने सामाजिक अध्ययन के अध्यापक व दोनों क्लबों के सलाहकार रिचर्ड ए. बेहरर के प्रशंसक थे। तब मि. बेहरर मेरे लिए संपूर्ण व्यक्ति थे। उन्होंने मेरा मस्तिष्क नये विचारों की ओर खोल दिया,” एबराइट ने कहा ।
“Richard would always give that extra effort, ” Mr. Weiherer said. “What pleased me was, here was this person who put in three or four hours at night doing debate research besides doing all his research with butterflies and his other interests.
“रिचर्ड हमेशा अतिरिक्त प्रयास के लिये तैयार रहते” श्री बेहरर कहते हैं। “सबसे अधिक प्रसन्नता मुझे इस बात से होती थी कि रात के तीन चार घंटे वाद-विवाद के शोध में लगाते जो कि उनके तितलियों के शोध व दूसरी रुचियों से अतिरिक्त प्रयास होता।”
“Richard was competitive,” Mr. Weiherer continued, “but not in a bad sense.” He explained, “Richard wasn’t interested in winning for winning’s sake or winning to get a prize. Rather, he was winning because he wanted to do the best job he could. For the right reasons, he wants to be the best.”
“रिचर्ड प्रतियोगी थे,” श्री बेहरर ने आगे बताया, “लेकिन उनकी भावनायें बुरी नहीं थीं।” उन्होंने स्पष्ट किया, “रिचर्ड जीत के लिये जीतने या इनाम के लिये जीतने में रुचि नहीं रखते थे। बल्कि, वह इसलिये जीतना चाहता था क्योंकि वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके। अच्छे कारणों से वह सर्वश्रेष्ठ करना पसन्द करते थे। ‘
And that is one of the ingredients in the making of a scientist. Start with a first–rate mind, add curiosity, and mix in the will to win for the right reasons. Ebright has these qualities. From the time the book, The Travels of Monarch X, opened the world of science to him, Richard Ebright has never lost his scientific curiosity.
और यही वैज्ञानिक बनने की सबसे महत्वपूर्ण सामग्री है। कुशाग्र बुद्धि के साथ शुरूआत करना, उत्सुकता और सही कारणों को जानने के लिये इच्छाशक्ति रखना। एबराइट में ये सभी गुण थे। उस समय से जब से उसके सामने ट्रेवल्स ऑफ मोनार्क ने विज्ञान की दुनिया खोली तब से रिचर्ड एबराइट की विज्ञान में उत्सुकता कम नहीं हुई।
ROBERT W. PETERSON
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